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Nabi ki pyari sunnat in hindi



     

 Nabi ki pyari sunnat in hindi 

 Nabi ki pyari sunnat जब आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम चलते थे तो लोगो को आगे हटाया नहीं जाता था ।

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जाइज़ काम को मना नहीं फरमाते थे । 

Nabi ki pyari sunnat अगर कोई सवाल करता और उसको पूरा करने का इरादा होता तो हाँ कह देते वरना खामूश हो जाते ।

 Nabi ki pyari sunnat आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपना चेहरा किसी से न फेरते थे जब तक वह न फेरता ,और अगर कोई चुपके से बात कहना चाहता तो आप कान उसकी तरफ कर देते ,

और जब तक वह फारिग नहीं होता था आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कान नहीं हटाते थे। 

 Nabi ki pyari sunnat जब आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम किसी को रुखसत फरमाते तो यह दुआ फरमाते थे,असतौदीउल्लाहा दीनकुम व आमानतकुम व खवा तीमा आमालिकुम।

 Nabi ki pyari sunnat जब कोई मिलता तो पहले आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सलाम करते थे। 

 Nabi ki pyari sunnat जब किसी चीज को करवट की तरफ देखते तो पूरा चेहरा फेर कर देखते , मुतकब्बिररों की तरह कनखियों से न देखते।

 Nabi ki pyari sunnat निगाह नीचे रखते थे  गायत हया की वजह से निगाह भर कर न देखते थे ।

बर्ताव मे सख्ती न फरमाते ,नर्मी को पसंद फरमाते आप इंतहाई नरम मेजाज और रहम दिल थे ।

 Nabi ki pyari sunnat आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम चलते वक़्त पाँव उठाते तो कदम कूवत से उखड़ता था और कदम इस तरह रखते थे कि जरा आगे को झुक जाते ,तवाज़ा के साथ कदम बढ़ा कर चलते गोया किसी बुलंदी से पस्ती मे उतर रहे हों ।

 Nabi ki pyari sunnatसब मे मिले जुले रहते थे  ( यानी शान बनाकर न रहते थे ) बल्कि कभी - कभी मजा भी फरमा लेते थे। 

 Nabi ki pyari sunnat अगर कोई गरीब आता या बुढ़िया आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बात करना चाहती तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सड़क के किनारे पर सुनने के लिए बैठ जाते। 

 Nabi ki pyari sunnat नमाज मे कुरान शरीफ की तिलावत फरमाते तो सीना मुबारक से हांडी के खोलने की सी आवाज आती ,खौफे खुदा की वजह से यह हालत होती थी

 Nabi ki pyari sunnat घर वालों का बहुत ख्याल रखते कि किसी को आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से तकलीफ न पहुँचे. इसलिए रात को बाहर जाना होता तो आहिस्ता से उठते ,आहिस्ता से जूता पहनते ,आहिस्ता से कवाड खोलते , आहिस्ता से बाहर चले जाते ,इसी तरह घर मे तशरीफ लाते तो आहिस्ता से आते ,ताकि लोगो  को तकलीफ न हों और किसी की नींद खराब न हो जाये।

 Nabi ki pyari sunnatजब चलते तो निगाह नीची जमीन की तरफ रखते ,मजमा के साथ चलते तो सबसे पीछे होते और कोई सामने से आता तो सबसे पहले सलाम आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ही करते।

 Nabi ki pyari sunnat किसी क़ौम का आबरूदार आदमी होता तो उसके साथ इज्जत से पेश आते

 Nabi ki pyari sunnat अपने अवकात मे से कुछ वक़्त अल्लाह की इबादत के लिए ,कुछ घर वालों के हुकूक अदा करने के लिए और एक हिस्सा अपने दिन की राहत के लिए निकालते।


Nabi ki sunnat in hindi 

Nabi ki sunnat आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दरूद शरीफ पढ़ते रहना । 

पड़ोसी के साथ अहसान करना,बड़ो की इज्जत करना ,और छोटो पर रहम करना।

कोई रिश्तादार बदसलूकी करे तो उस के साथ हुस्नसुलूक (Husn Suluk ) से पेश आना

Nabi ki sunnat जो लोग दुनिया के ऐतबार से कमजोर है उनका खयाल रखना

दायें या बाएँ जानिब तकिया लगाना

Nabi ki sunnat बीवी का दिल खुश करने के लिए उस से मजा करना और हंसी की बात करना भी सुन्नत है

Nabi ki sunnat बाद नमाज फ़जर इशराक तक आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मर्बा (आलती-पालती )बैठते थे नीज़ अपने असहाब मे भी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मर्बा बैठते थे। अलबत्ता छोटो का बड़ो के सामने दो जानो बैठना।

अपने मुसलमान भाई से कुशादा चेहरे से मिला

Nabi ki sunnat सवारी पर उसके मालिक को आगे बैठने के लिए कहना और उसकी सरीह इजाजत के बेगैर आगे न बैठना भी सुन्नत है ।

 

 

JM Islamic Official


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