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Juma ki namaz in hindi

Juma ki namaz in hindi

Juma ki namaz in hindi

Juma ki namaz in hindi अल्लाह ताला को namaz से ज़्यादा कोई चीज़ पसंद नहीं और इसी वास्ते किसी इबादत की उस क़दर सख्त ताकीद और फाजिलत शरीयते साफिया में वारिद नहीं हुई, शरीयत ने हफ्ते में एक दिन ऐसा मुकर्रर फरमाया है जिसमें मुखतलिफ़ महलों और गाँव के मुसलमान आपस में जमा हो कर उस इबादत को अदा करें और चूंकि Juma का दिन तमाम दिनों से अफ़जल व अशरफ था लहजा यह तहफीस इस दिन के लिए की गयी ।

 

Juma ki namaz ke fazayal

Juma ki namaz ke fazayal नबी करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया कि तमाम दिनों से बेहतर Juma ka din hai

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया कि Juma me एक साअत ऐसी है कि अगर कोई मुसलमान उस वक़्त अल्लाह ताला से दुआ करे तो ज़रूर क़बूल हो,

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया कि Juma ka din अफ़जल है उस दिन कसरत से मुझ पर दुरूद पढ़ा करो, और वह उसी दिन मेरे सामने पेश किया जाता है,

सहाबा ने अर्ज़ किया या रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम आप पर कैसे पेश किया जाता है हालांकि वफ़ात के बाद आपकी हड्डियाँ भी न होंगी ।

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया कि अल्लाह ताला ने हमेशा के लिए ज़मीन पर अंबिया अलैहिस्सलाम का बदन हराम कर दिया है ।

 

Juma ke adaab

Juma ke adaab हर मुसलमान को चाहिए कि Juma ka अहतमाम पंजशनबा से करे पंजशनबा ( जुमेरात ) के दिन असर namaz के बाद इस्तगफार वगैरह ज़्यादा करे और अपने पहनने के कपड़े साफ करके रखे ।

अगर खुशबू घर में न हो और मुमकिन हो तो उसी दिन ला कर रखे ताकि फिर Juma ke din उन कामों में उसको मशगूल न होना पड़े ।

फिर Juma de din गुस्ल करे, सर के बालों को और बदन को खूब साफ करे और मिसवाक करना भी उस दिन बहुत फाजिलत रखता है ।

Juma ke din गुस्ल के बाद उम्दा से उम्दा कपड़े और जो उसके पास हों पहने मुमकिन हो तो खुशबू लगाए और नाखून वगैरह भी कतरवाए ।

Juma ke din जामा मस्जिद में बहुत सवेरे जाए जो शख्स Juma ke din मस्जिद में जितना सवेरे जाएगा उसी क़दर उसको सवाब ज़्यादा मिलेगा ।

Juma ke din मस्जिद में पाप्यादह जाने में हर कदम पर एक साल रोज़े रखने का सवाब मिलता है ।

Juma ke din ख़्वाह namaz पहले या पीछे सूरह कहफ पढ़ने में बहुत सवाब है ।

 

Namaz Juma wajib hone ki shart

Namaz Juma wajib hone ki shart namaz Juma फरजे ऐन है कुरान मजीद और अहादीस मतावतरह और अजमा उम्मत से साबित है और आज़म शआयर इस्लाम से है, मुनकर उसका काफिर है और बे अज़र उसका तारक फ़ासिक है ।

जब Juma के लिए अज़ान काही जाए तो तुम अल्लाह के ज़िक्र की तरफ दौड़ो, और खरीद व फरोख्त के काम को छोड़ दो यह तुम्हारे लिए बेहतर है अगर तुम जनों कुरान ज़िक्र से मुराद उसकी आयत में namaz Juma और खुतबा है, दौड़ने से मुराद निहायत अहतमाम के साथ जाना है ।

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया कि जो शख्स तीन Juma सुस्ती से यानि बे अज़र तर्क कर देता है उसके दिल पर अल्लाह ताला महर कर देता है ।

 

Juma ki namaz ki fazilat

Juma ki namaz ki fazilat बहुत ज़्यादा है मरीज पर namaz Juma वाजिब नहीं, मरीज जामा मस्जिद तक पप्यादह जाने से मना हो उसी का ऐतबार है बुढ़ापे की वजह से अगर कोई शख्स कमजोर हो गया हो कि मस्जिद तक न जा सके या ना ब्याना हो, यह सब लोग मरीज समझे जाएंगे और namaz Juma वाजिब नहीं है ।

जमात के तर्क करने के लिए जो अज़र ऊपर बयान हो चुके हैं उनसे खाली होना, अगर उन अजरों में से कोई अज़र मौजूद हो तो namaz Juma वाजिब न होगी ।

अगर कोई शख्स बावजूद न पाये जाने उन शर्तों के namaz Juma पढे तो तो namaz हो जाएगी यानि जोहर namaz का फर्ज़ उसके जिम्मा से उतार जाएगा ।

मसलन कोई मुसाफिर या कोई औरत namaz Juma पढे ।

 

Juma ki namaz ke sahi hone ki sharte

Juma ki namaz ke sahi hone ki shart यह है मिस्र यानि शहर या कसबा पस गाँव या जंगल में namaz Juma दुरुस्त नहीं ।

अलबत्ता जिस गाँव की आबादी कसबा के बारबर हो मसलन तीन चार हज़ार आदमी हों वहाँ Juma ki namaz दुरुस्त है ।

जोहर की namaz का वक़्त पस जोहर की namaz से पहले और जोहर की namaz का वक़्त निकल जाने के बाद namaz Juma दुरुस्त नहीं, हत्ता कि अगर namaz Juma पढ़ने की हालत में वक़्त जाता रहे तो namaz Juma फ़ासिद हो जाएगी अगर चह क़ाअदा बकदर तशहूद के हो चुका हो, और उसी वजह से namaz Juma क़ज़ा नहीं पढ़ी जाती ।

 

Khutaba ka namaz in hindi

Khutaba Khutaba ka namaz in hindi यानि लोगों के सामने अल्लाह ताला का ज़िक्र करना ।

Khutaba का Juma की namaz से पहले होना अगर Juma की namaz के बाद खुतबा पढ़ा जाए तो Juma की namaz न होगी ।

Khutaba ka namaz जोहर के अंदर होना पस वक़्त आने से पहले अगर Khutaba ka namaz पढ़ लिया जाए तो namaz न होगी ।

अगर किसी ऐसे मुकाम मे namaz Juma पढ़ी जाए जहां आम लोगों को आने की इजाज़त न हो या Juma को मस्जिद के दरवाज़े बंद कर लिए जाएँ तो namaz न होगी ।

 

तो दोस्तों यह था Namaz Juma के बारे में कुछ ज़रूरी जानकारी, आशा करता हूँ की यह जानकारी आपको काफी पसंद आया होगा ।

और ऐसे ही Islamic जानकारी को जानने के लिए आप हमारे इस website को open करके बहुत सी ऐसी दिनी मालूमात हासील कर सकते हैं और अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं ।

दोस्तों अगर यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें ।

शुक्रिया

 

 

 

JM Islamic Official

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2 Comments

  1. जुम्मे का दिन एक अज़ीम दिन है, अल्लाह तआला ने इस के साथ इस्लाम को अज़मत दी और येह दिन मुसलमानों के लिये ख़ास कर दिया, फ़रमाने इलाही है : जब जुम्मे के दिन नमाज के लिये पुकारा जाए पस जल्दी करो अल्लाह के ज़िक्र की तरफ़ और खरीदो फरोख्त छोड़ दो। इस आयत से मालूम हुवा कि अल्लाह तआला ने जुम्मे के वक्त दुन्यावी शगल हराम करार दिये हैं और हर वो चीज़ जो जुमा के लिये रुकावट बने ममनूअ करार दे दी गई है। हुजूर सल्लल्लाहो अलैह व सल्लम का फरमान है कि तहक़ीक़ अल्लाह तआला ने तुम पर मेरे इस दिन और इस मकाम में जुमा को फ़र्ज़ करार दे दिया है। एक और इरशाद है कि जो शख्स बिगैर किसी उज्र के तीन जुम्मे की नमाजें छोड़ देता है अल्लाह तआला उस के दिल पर मोहर लगा देता है। इस पेज से हजारों खुबसूरत जुम्मा मुबारक इमेजेज डाउनलोड कर सकते हैं
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