Maut se pahale sadaqa karna
Maut se
pahale sadaqa karna हालते सेहत और हालते हयात में sadaqa karna बीमारी और Maut ke waqt sadaqa करने से अफजल
है ।
हज़रत
अबूहुरैरा रजिअल्लाहु अनहु से रियावत है कि एक शख्स रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही
वसल्लम के पास आया और अर्ज़ किया कि कौन सा sadaqa अज्र में बड़ा है ?
आप
सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया वह sadaqa अज्र में बड़ा है जबकि तू तंदरुस्त हो और माल को रखने का
हरीस हो, जब नज़ा का वक़्त आ गया और तू तक़सीम करने लगा
तो यह अच्छी तक़सीम नहीं है ।
Maut ke waqt Achche bure aamal ki surat
Maut ke
waqt Achche bure aamal ki surat हज़रत अबू
जाफ़र बिन मुहम्मद बिन अली रजि अल्लाहु अनहु से मरवी है कि जब कोई शख्स Maut ke करीब होता है तो उसके Achche bure aamal ki surat
शकलें बनाकर पेश की जाती हैं वह अपने Achche aamal ki शक्ल को देखकर खुशी से निगाह बुलंद करता है और जब वह bure aamal की शक्ल देखता है तो शरम से निगाह नीचे
कर लेता है ।
हज़रत
हंज़ला बिन असूद रजि अल्लाहु अनहु का बयान है कि मेरा एक गुलाम था जब वह मरने के
करीब हुआ तो उसने यह अजीब हरकत शुरू कर ली कि एक बार मुंह ढकता था और फिर एक बार
एक बार खोलता था ।
मैंने
मैंने उसकी उस हरकत को मुजाहिद रजि अल्लाहु अनहु से बयान किया ।
तो
उन्होने फरमाया जब मोमिन मौत के करीब होता है तो उसके Achche bure aamal उस पर पेश होते हैं तब वह Achche aamal देखता
है और bure aamal से नज़र बचाता है ।
Maut ke bad murdo ne kalam kiya
Maut ke bad murdo ne kalam
kiya हज़रत उमर रजि अल्लाहु अनहु
फरमाते थे कि अपने मुर्दों के पास हाज़िर होकर कलमे की तलकीन किया करो ।
क्यूंकी वह जो कुछ देखते हैं
तुम नहीं देखते ।
और उनसे जो कहा जाता है वह
सुनते हैं, और तुम्हारे अंदर जो
फर्माबरदार बंदे हैं उनकी मौत के वक़्त हाज़िर होकर उनकी बातों को समझो और उनकी
कैफियत पर गौर करो क्यूंकी मौत के वक़्त उन पर असरार खुल जाते हैं जो कुछ बताएगे
सही बताएँगे ।
हज़रत रबी बिन हराश रजि
अल्लाहु अनहु का बयान है कि एक शख्स मेरे पास आकार कहने लगा कि तुम्हारा भाई वफ़ात
पा गया है ।
यह सुनकर मैं फौरन अपने भाई
के पास पहुंचा देखा कि उसको कपड़ा ओढा दिया गया है और वह मर चुका है ।
मैं उसके सीराहने बैठ कर
दुयाए मगफिरत और इन्नल्लाह पढ़ने लगा ।
Maut ke bad murdo ne kalam अचानक मेरे भाई ने मुंह से कपड़ा सरकाया और कहा अस्सलामू
अलैका मैंने जवाब दिया वालैका अस्सलाम , सुबहानल्लाह
उसने कहा सुबहानल्लाह, मैं तो तुम लोगों से जुडा होकर अल्लाह की
जनाब में पहुंचा, मुझको अल्लाह ताला की रज़ा और जन्नत की
नेमतें नसीब हुईं मुझको रेशम के सब्ज़ जोड़े पहनाए गए ।
मैंने आखिरत की सहूलियत पायी
लेकिन उस पर भरोसा करके अमल न छोड़ बैठना ।
मैंने मरने के बाद अपने रब से
इजाज़त मांगी ताकि तुम लोगों को खुशखबरी सुना दूँ कि मेरे साथ अच्छा मामला हुआ है
इतना बयान करने के बाद फिर
मेरा भाई हमेशा के लिए खामूश हो गया और ठंडा हो गया ।
Maut ke waqt malaika ki
huzuri
Maut ke waqt malaika ki
huzuri हज़रत सूफियान रहमतुल्ला ने
अता रहमतुल्लाह से बयान किया कि सुलैमन अलैहिस्सलाम को मुस्क हासिल हुई जिसको
उन्होने अपनी बीवी के पास रख छोड़ा ।
जब उनकी वफ़ात का वक़्त करीब
आया तो उन्होने अपनी बीवी से कहा वह मुस्क लाओ और पानी से तर करके मेरे बिस्तर के
चारों तरफ छिड़क दो ।
क्यूंकी मेरे पास अल्लाह ताला
की एक ऐसी मख़लूक़ हाज़िर हो रही है जो कुछ खाती पिती नहीं मगर खुशबू सूंघ लेती है ।
Maut ke waqt malaika ki
huzuri हसन बिन
सालह का बयान है कि मेरे भाई अली बिन सालह की वफ़ात जिस रात हुई उसी रात में
उन्होने मुझसे कहा कि ऐ भाई ज़रा मुझे पानी पिलाओ ।
मैं नमाज़ पढ़ रहा था , इस लिए नमाज़ से फारिग होने के बाद मैं अपने
भाई को पानी पेश किया ।
उस पर मेरे भाई ने कहा कि मैं
तो अभी पी चुका हूँ , मैंने दोबारा
पीने को कहा तो उन्होने फिर यही जवाब दिया ।
मैंने हैरत से पूछा कि इस
बाला लजाने में मेरे और आपके इलावा कोई तीसरा आदमी नहीं फिर किसने आपको पानी
पिलाया ।
मेरे भाई ने जवाब दिया अभी –
अभी हज़रत जिबरईल अलैहिस्सलाम पानी लेकर तशरीफ लाये और मुझे पानी पिलाने के बाद
उन्होने खुशखबरी दी कि तेरा भाई और तेरी माँ उन लोगों के साथ हैं जिनपर अल्लाह
ताला ने अपना ईनाम किया ।
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अल्लाह ताला हमें और सभी
मुस्लिम भाई बहन को हमारे नबी के बताए गए तरीके पर चलने की तौफीक दे । आमीन
Posted by - JM Islamic Official
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