New Update

6/recent/ticker-posts

Advertisement

Qabar par noor ka saya | azab e qabr

 Qabar par noor ka saya

Qabar par noor ka saya


Qabar par noor ka saya
तो अजकी post में हम बात करने वाले हैं Qabar के बारे में Qabar par noor ka saya कैसे होता है Qabar par noor ka saya के बारे में इस पोस्ट में आपको बहुत सी जानकारी मिलने वाली है ।

अगर आप मरने के बाद अपनी Qabar par noor ka saya चाहते हैं तो आपको और हमें इन हदीस को अपनाते हुये हमें अल्लाह और उसके बताए गए रास्ते पर चलना चाहिए ।

हज़रत इब्राहीम नखई से मरवी है कि ज़ालिम हजाज बिन युसुफ सकफी का यह क़ायदा था कि उलमा और हिफ़ाज़ को उनके घरों के दरवाजों पर सूली दिया करता था चुनांचह उस ज़ालिम ने माहान हनफ़ी रहमतुल्लाह को उनके दरवाजे पर सूली दे दी  उसके बाद हमने देखा कि माहान की Qabar par noor ka saya पर बराबर रातों को रोशनी रहा करती थी ।

यह मंज़र तमाम लोग हर रात देखा करते थे ।

Qabar par noor ka saya हज़रत आयशा रजिअल्लाहु अनहा से मरवी है कि जब हब्श के बादशाह का इंतकाल हो गया तो उसके बाद बराबर हमको उस तरह की रिवायत मिलती रहती थी उनकी Qabar पर noor देखा जाता है और रातों को वहाँ रोशनी नज़र आया करती थी ।

Qabar par noor हज़रत सरी बिन मखलद रजिअल्लाहु अनहु से मरवी है कि आप सल्लल्लाहु अलैही वसाल्ल्म ने हज़रत अबूज़र रजिअल्लाहु अनहु को मुखतीफ़ करके फरमाया कि जब तुम दुनियाँ में किसी सफर का इरादा करते हो तो उसके लिए सामान क्या करते हो, लेकिन एक सफर क़यामत का भी दरपेश है, इस लिए तुमने क्या सामान कर रखा है ।

ऐ अबूज़र रजिअल्लाहु अनहु ! क्या मैं तुमको वह चीज़ बताऊँ जो तुमको उस दिन नफा पहुंचाए ?

अबूज़र रजिअल्लाहु अनहु ने अर्ज़ किया मेरे माँ बाप आप पर क़ुर्बान हों, ऐ अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैही वसाल्ल्म ज़रूर बताएं ।

चुनांचह आप सल्लल्लाहु अलैही वसाल्ल्म ने फरमाया सख्त गरमी में रोज़ा रखो, उससे क़यामत की शिद्दत कम होगी ।

और रात की तारीकी में दो रकात नमाज़ पढ़ो, उससे Qabar की वहशत दूर हो जाएगी ।

 

Qabar me rahamat khudawandi

Qabar me rahamat khudawandi हज़रत इब्न अब्बास रजिअल्लाहु अनहु से मरवी है कि आप सल्लल्लाहु अलैही वसाल्ल्म ने इरशाद फरमाया अल्लाह ताला उस वक़्त अपने बंदे पर ज़्यादा मेहरबान हो जाता है जब वह Qabar में दाखिल कर दिया जाता है और उसको तनहा छोडकर लोग अपने घरों को लौट आते हैं ।

हज़रत अनस रजिअल्लाहु अनहु से रिवायत है कि आप सल्लल्लाहु अलैही वसाल्ल्म ने इरशाद फरमाया अल्लाह ताला तमाम हालातों से ज़्यादा उस हालत में अपने बंदे पर रहम व करम फरमाता है जब वह बेकसी के आलम में अपने गढ़े यानि Qabar में रख दिये जाए हैं ।

 

Qabar me ilm ka faizan

Qabar me ilm ka faizan हज़रत इब्न अब्बास रजिअल्लाहु अनहु से मरवी है कि आप सल्लल्लाहु अलैही वसाल्ल्म ने फरमाया जब आलिम वफ़ात पा कर Qabar में जाता है तो अल्लाह ताला उसके इल्म को शकल व सूरत देकर Qabar में पेश कर देता है ।

उससे क़यामत तक उसको उनसियत रहेगी और यही इल्म उसको ज़मीन के कीड़े – मकोड़ों से बचाता रहेगा ।

हज़रत काब रजिअल्लाहु अनहु से मरवी है कि हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम पर अल्लाह ताला ने वही नाज़िल फरमायी कि तुम खैर को सीखो और लोगों को सिखाओ क्यूंकी मैं इल्म सीखने और सीखने वालों की Qabar रोशन करूंगा ताकि Qabar तनहाई और तारीकी में उनको वहशत न हो ।

 

Qabar ka raqat

Qabar ka raqat हज़रत उशमान गनी रजिअल्लाहु अनहु के गुलाम हज़रत हानी रजिअल्लाहु अनहु का बयान है कि हज़रत उशमान रजिअल्लाहु अनहु जब किसी Qabar पर खड़े होते तो उन पर इतनी raqat तारी होती वह रोते – रोते आँसू से उनकी दाढ़ी तर हो जाती ।

हज़रत उशमान रजिअल्लाहु अनहु की यह कैफियत देख कर किसी ने उनसे पूछा कि आप जन्नत व जहन्नम का ज़िक्र करते हैं तो नहीं रोते और Qabar पर इतना रोते हैं उसकी क्या वजह है ।

उसके जवाब मे हज़रत उशमान रजिअल्लाहु अनहु ने फरमाया, रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का इरशाद है : सफर आखिरत की पहली मंज़िल Qabar है ।

अगर उस पहली मंज़िल पर निजात हासिल हो गयी तो समझो बाद की मंज़िलें आसान हो गईं ।

और अगर उस पहली मंज़िल पर निजात न मिली तो बाद की मंज़िलें उससे ज़्यादा सख्त आएंगी ।

यानि Qabar ही अगली मंज़िलों की राहत व गम की अलामत है ।

हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का यह भी इरशाद है कि मैंने जीतने होलनाक मनाज़िर देखे उनमें सबसे ज्यादा होलानक मंज़र Qabar को पाया ।

हज़रत बरार रजिअल्लाहु अनहु का बयान है कि रसूल सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के हमराह हम एक जनाज़ा में शरीक हुये हमने देखा कि आप सल्लल्लाहु अलैही वसाल्ल्म एक Qabar के किनारे बैठ गए ।

फिर आप सल्लल्लाहु अलैही वसाल्ल्म उस कदर रोये और हमको भी इस कदर रुलाया कि ज़मीन तर हो गयी ।

आप सल्लल्लाहु अलैही वसाल्ल्म ने उस वक़्त फरमाया मेरे भाइयों इस जैसी होलनाक जगह के लिए तैयारी करो ।

 

 

तो दोस्तो आप से यही उम्मीद है कि इस पोस्ट के ज़रिये से आप खुद दिनी मालूमात सीखो और दूसरों को भी सिखाओ, ताकि अल्लाह ताला हमे और आपको भी अपने रहमतों से नवाज़े ।

अल्लाह ताला हमें और आपको इस पर अमल करने कि तौफीक दे । आमीन

 

दोस्तों इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें ।

शूकरिया

 

 

Posted by - JM Islamic Official

Post a Comment

1 Comments