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Takabbur in hindi

 

Takabbur in hindi



Takabbur in hindi 

जिस के दिल मे जर्रा बराबर भी Takabbur  होगा वह जन्नत मे दाखिल न होगा ।

Takabbur  हक बात को ठुकरा देना और लोगो को हक़ीर समझना ।


जिसने लोगो को दिखाने के लिए कोई काम किया तो (कयामत के दिन )अल्लाह तआला उसके अयूब को जाहिर कर देगा और जिस ने लोगो को सुनाने के लिए कोई बात कही तो (कयामत के दिन )अल्लाह तआला उसे रुसवा करेगा

कयामत के दिन सबसे बुरा सख्श वह होगा जिसकी फहश गोई के खौफ से लोग उसे छोड़ दे


Jhuth bolna kaisa hai

बुरा हो उसका जो लोगो को हसाने के लिए Jhuth बोले ,इसका बुरा हो ,उसका बुरा हो।

दिलो पर फितने के बाद दिगरे इस तरह पेश किए जाएंगे जिस तरह चटाई की तैंलिया एक दुसरे के फौरन बाद होती है जिस दिल मे वह फितना रच गया तो उस पर एक काला धब्बा लग जाएग।


Jashushi Karna

जो शख्स उन लोगो की बाते सुनने की कोशिश Jashushi  करता है जो उसे पसंद नहीं करते या उससे भागते हैं तो कयामत के दिन उसके कान मे पिघलाया हुआ सीसा डाला जाएगा।

कयामत के दिन सबसे ज्यादा सख्त अजाब वाले लोग तस्वीर बनाने वाले होंगे । फरिस्ते ऐसे घर मे दाखिल नहीं होते जिस मे तस्वीर और कुत्ता हो।


Chugli Karna in islam

Chugli खोर जन्नत मे दाखिल न होगा ।

लोगो के दरमियान इखतलाफ पैदा करने के लिए इधर की बात उधर और उधर की बात इधर पहुचाने को Chugli खाना कहते है।


Gibat Ka hukm in islam

क्या तुम जानते हो कि Gibat  क्या चीज है ?

सहाबा ने अर्ज किया कि अल्लाह और उसके रसूल बेहतर जानते है ,आप ने फरमाया : अपने भाई की उन बातों का जिकर करना जिसे वह नापसंद करता हो ।

आप से सवाल किया गया कि अगर मेरे भाई मे वह ऐब पाया जाता हो जिसका जिकर मै कर रहा हूँ (तो भी Gibat मे दाखिल है )?

आप ने फरमाया : जिस ऐब का जिकर तूम कर रहे हो अगर उस मे मौजूद है तो तूने उसकी Gibat की है ,और अगर उसमे यह ऐब न पाया जाए तब तूने तोहमत बांधी ।

मोमिन पर लानत भेजना उसे कत्ल करने के बराबर है ,लानत भेजने वाले क़यामत के दिन न तो शिफाअत करने वालों मे शामिल होंगे और न ही गवाही देने वालों में ।

क़यामत के दिन अल्लाह के करीब सबसे बुरे मुकाम वाला वह शख्स होगा कि वह अपनी बीवी से और बीवी उस से हमबिस्तर हो , फिर वह इस राज़ को फ़ाश कर दे ।


Islam me Aurat ka khushbu lagana

हर आँख ज़िना करती है, और Aurat  जब khushbu लगा कर किसी मजलिस के पास से गुजरती है तो वह ऐसी ऐसी है , यानि ज़ानिया है।

जो शख्स अपने भाई को काफिर कह के पुकारता है तो उन दोनों मे से कोई एक इसका मूतहमल होता है,अगर वह ऐसा है जैसा कि उसने कहा है तो ठीक है वरना उसी कहने वाले पर पलट आती है।

जो शख्स अपनी नुसबत जान बुझ कर अपने बाप के इलावा किसी और कि तरफ करता है तो उस पर जन्नत हराम है।

किसी मुसलमान के लिए यह जायज़ नहीं है कि वह किसी मुसलमान को डराए । जो शख्स अपने भाई कि तरफ हथियार से इशारा करता है तो फरिश्ते उस पर लानत भेजते हैं यहाँ तक कि उस से बाज़ आ जाए ।

किसी मुनाफिक को सरदार कह कर न पुकारो क्यूंकी अगर वह तुमहरा सरदार हुआ तो तुमने अपने रब को नाराज़ किया ।


औरतों का कबरों कि ज़ियारत करना 

औरतों का कबरों कि ज़ियारत करने वालियों पर अल्लाह कि लानत हो,

जब सौहर अपनी बीवी को बिस्तर कि तरफ बुलाये और औरत आने से इंकार कर दे तो सुबह तक फरिश्ते औरत पर लानत भेजते है।

जिस शख्स को भी अल्लाह ने किसी रईत कि ज़िम्मेदारी दी, फिर अगर वह उस हालत मे मरता कि अपनी रईत को धोखा देने वाला है तो अल्लाह तआला ने उस पर जन्नत को हराम कर दिया है । 


बेगैर इल्म के फतवा देना

जिस शख्स को बेगैर इल्म के फतवा दिया गया तो उसका गुनाह फतवा देने वाले पर है।


औरत का तलाक़ मांगना 

जो औरत भी अपने सौहर से बेगैर किसी वजह के तलाक़ का सवाल करती है तो उस पर जन्नत कि खुशबू भी हराम है।

फरिश्ते किसी ऐसी जमात के साथ नहीं रहते जिनके साथ कुत्ता हो या घंटी हो । घंटी शैतान का बाजा है।

जिस शख्स ने लापरवाही से ( बेगैर उज्र के )तीन जुमे छोड़ दिये तो अल्लाह तआला उसके दिल पर मुहर लगा देता है।

जो शख्स ने एक बालिश्त ज़मीन बेतौर ज़ुल्म हथियाली है तो क़यामत के दिन अल्लाह तआला इसे सात तबक़ ज़मीन का तौक़ पहनयेंगे ।

बसा अवकात बंदा अल्लाह की नाराजगी का कोई कलमा कहता है और उसे कोई अहमियत नहीं देता , हालांकि इसके बदले जहन्नम मे सत्तर साल गिरता जाएगा ।

ज़िक्र इलाहि के इलवा ज़्यादा कलाम न किया करो कियुंकी ज़िक्र इलाहि के इलावा ज़्यादा कलाम करना दिल की सख्ती का सबब है।

अल्लाह तआला ने लानत की है बाल जोड़ने और बाल जोड़वाने वाली औरत पर और गोदने ( taitu बनवाना ) वाली और गोदवाने वाली औरत पर ।

किसी मोमिन के लिए जायज़ नहीं है कि अपने भाई से तीन दिन से ज़्यादा जुदाई रखे । जो अपने भाई से साल भर क़ता तअल्लुक रखे तो यह उसका खून करने के बराबर है।

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने लानत कि है उन औरतों पर जो मर्दों कि मुशाबहत इख्तेयार करती हैं और उन मर्दों पर जो औरतों कि मुशबहत इख्तेयार करते हैं।

बख़्शिश ( हिबा ) दे कर के वापिस लेने वाला उस कुत्ते कि तरह है जो क़ै ( उल्टी ) करता है और उसे चाटता है। किसी शख्स के लिए जायज़ नहीं है कि किसी चीज़ को बतौर बख़्शिश देने के बाद उसे वापिस ले ले ।


दुनियाँ हाशील करने के लिए इल्म सीखना 

जो शख्स वह इल्म जिसके हुशूल से रीजाए इलाहि मक़सूद होती है उस लिए हाशील करता है कि दुनियाँ का कुछ सामान  करे हाशील तो वह शख्स क़यामत के दिन जन्नत कि खुसबु भी नहीं पाएगा ।

 

 

JM Islamic Official

 


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