Itikaf ki niyat in Urdu
जैसा
कि आपको मालूम होगा कि रमज़ान के महीने में Itikaf ki
niyat की जाती है रमज़ान के महीने
में ही Itikaf में बैठा जाता है, रमज़ान शरीफ के बीसवीं तारीख को जब सूरज छुप जाए उससे थोड़ा सा पहले रमज़ान
की उनतीस या तीस तारीख यानि जिस दिन ईद का चाँद नज़र आए उस तारीख के दिन सूरज जब
छुप जाए तब तक मस्जिद में बैठना है, उसको Itikaf कहते हैं ।
Itikaf ki
niyat in Urdu मे वाजिब के लिए सोम शर्त है
जब कोई शख्स Itikaf ki niyat in Urdu में करे तो उसको रमज़ान का रोज़ा रखना भी ज़रूरी होगा, बल्कि अगर यही भी Itikaf
ki niyat in Urdu में करे कि मैं रमज़ान के रोज़ा न रखूँगा तब भी
उसको रोज़ा रखना लाज़िम होगा, रोज़ा का खश Itikaf ki
niyat के रखना ज़रूरी नहीं
Itikaf meaning in Urdu
Itikaf ki हालत में बिला ज़रूरत दुनियाँ के कामों में मशगूल होना मकरूह तहरीमी है, हाँ जो काम निहायत ज़रूरी हो, मसलन घर में खाने को न
हो, और कोई शख्स उसके सिवा उस कम को करने वाल न हो, तो ऐसी हालत में Itikaf ki niyat में इन कामों का
करना जायज़ है ।
Most Itikaf Tips - Itikaf ki niyat in Urdu
दोस्तों
अब हम जानते है कि Itikaf ki niyat के लिया कितनी चीज़ें ज़रूरी हैं । हमे क्या करना चाहिए, और क्या नहीं करना चाहिए इन चीजों के बारे
में हम जानते हैं । तो Itikaf में बैठने के बाद मस्जिद जमात
में बैठना, Itikaf ki niyat के
साथ Itikaf में ठहरना बस बे कसद्वारदह ठहर जाने को Itikaf नहीं कहते क्यूंकी Itikaf ki niyat के सही
होने के लिए Itikaf ki niyat करने वाले का मुसलमान होना और
आकिल होना शर्त है, जो औरतें Itikaf ki niyat करती है या Itikaf ki niyat से Itikaf में बैठती हैं वह पूरी तरह से पाक होनी चाहिए यानि वह औरत हैज़ व निफास से
पाक और जनबत से पाक हों ।
अगर
कोई औरत Itikaf ki niyat करे तो अपने घर में जहां नमाज़ पढ़ने के लिए जगह मुकर्रर कर
रखी है, उस जगह पाबंदी से जमकर बैठे, फकत पेशाब, पखाना की मजबूरी से तो वहाँ से उठना
दुरुस्त है, और अगर कोई खाना पनि देने वाल हो तो खाने पीने
के लिए भी न उठे, हर वक़्त उसी जगह पर बैठी रहे और वहीं पर
सोये । अगर किसी औरत को Itikaf ki हालत में हैज़ या निफ़ास आ
जाए तो Itikaf ki niyat छोड़ दे इन हालत में Itikaf
ki niyat दुरुस्त नहीं है । Itikaf ki हालत
में मर्द से हमबिस्तरी होना लेटना चिमटना भी दुरुस्त नहीं है ।
Itikaf ki तीन किस्में हैं –
Itikaf wajib – Itikaf wajib वह है जो नज़र की जाए नज़र ख़्वाह गैर मुतलक़
हो जैसे कोई शख्स किसी बे शर्त के Itikaf ki नज़र करे या मालक़
जैसे कोई शख्स या शर्त कर ले कि अगर मेरा फलां काम हो जाएगा तो मैं Itikaf
ki niyat in Urdu में करूंगा ।
और
दूसरा सुन्नत मूअक्कीदा है - Itikaf ki niyat in Urdu में सुन्नत मूअक्कीदा वह है कि रमज़ान के आखिर अशरा में नबी
करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम से बाला लतज़ाम Itikaf ki
niyat in Urdu में करना अहादीस सही में मन्क़ुल है, मगर यह सुन्नत मूअक्कीदा बाज़ के करने से सबके ज़िम्मे से उतार जाएगी ।
और
तीसरा मुस्तहब है – मुस्तहब यह है कि जो रमज़ान के महीने के आखिरी अशरा के सिवा और
किसी ज़माना में ख़्वाह रमज़ान का पहला दूसरा अशरा हो या और कोई महिना हो ।
Itikaf ki
niyat in Urdu यानि Itikaf की हालत में दो क़िस्म के अफआल हराम
हैं यानि उनके अरतकाब से अगर Itikaf वाजिब या मसनुन है तो Itikaf
ki niyat फ़ासिद हो जाएगा, सुर उसकी क़ज़ा
करनी पड़ेगी, और अगर Itikaf ki niyat
मुस्तहब है तो Itikaf ki niyat खतम हो जाएगा ।
तो
दोस्तों यह थी Itikaf ki niyat in Urdu या आप कह सकते हैं Itikaf
meaning in Urdu, तो आपको Itikaf के बारे में सब कुछ समझ में आया होगा, अगर आपको इस मसले में कोई मसला समझ में न आए तो आप हमे कमेंट करें मैं
आपको ज़रूर reply दूंगा ।
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