New Update

6/recent/ticker-posts

Advertisement

Riyakari ki kitani kismen hain ?

Riyakari ki kitani kismen hain ?

 



Riyakari ki kitani kisme hain ?

Riyakari चार kisme हैं :

1. Riyakari ही अमल का सबब हो जैसा कि निफ़ाक़ अकबर के मरतकबीन का हाल है।

2. अल्लाह के लिए अमल,और Riyakari दोनों चीज़ें एक साथ पायी जातीं हैं। 

यह दोनों किस्में जिसके अंदर पायी जाती हैं वह गुनहगार होगा और उसके अमल का उसे कोई सवाब नहीं मिलेगा बल्कि उल्टा उसके मुंह पर मार दिया जाएगा।

3. अमल की इब्तेदा ख़ालिस अल्लाह के लिए हो, फिर उसमे रिया की नियत दाखिल हो जाए, उस सुरत मे अगर बंदा उस रिया को दफा कर दे और उससे मुंह मोड़ ले तो उससे कुछ नुकसान नहीं होता लेकिन अगर रिया की नीयत बाक़ी रही और उससे उसका नफ्स मूतमइन रहा तो यह इबादत बातिल हो जाएगी।

4. अमल के बाद Riyakari पैदा हो जाए तो उसका शुमार वसवसों मे होगा, इबादत पर और इबादत गुज़ार पर यह चीज़ अशर अंदाज़ न होगी


Kufr ki kitni kisme hain ?

Kufr की दो kisme हैं :

1 कुफ़र अकबर : जो दाएरे इस्लाम से खारिज कर देता है ।

और उसकी पाँच किस्में हैं :

1 तकजीब का Kufr

2 तसदीक़ के बावजुद तकबीर करने का Kufr

3 शक का Kufr

4 एराज़ का Kufr

5 निफ़ाक़ का Kufr

Kufr अशगर : जिसे कुफ़रान नेमत भी कहते हैं और यही मसीयत का कुफ़र है, यानि गुनाह है जिससे इसका मरतकब दाएरे इस्लाम से बाहर नहीं होता, जैसे किसी मुसलमान को क़त्ल करना।


Nazar manana kaisa hai in hindi

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने Nazar manane से मना किया है और फरमाया : यह ( Nazar ) कोई खैर नहीं लाती। 

यह हुक्म उस सुरत का है जब Nazar ख़ालिस अल्लाह के लिए मानी जाए लेकिन अगर गैरुल्लाह के लिए हो, जैसे किसी क़बर के लिए या, वली के लिए तो यह हराम और नाजायज़ है और ऐसी Nazar का पुरा करना भी जाएज़ नहीं।


Jadu ka kya hukm hai

Jadu का वजुद बरहक़ और उसकी हक़ीक़त ख्याली है, अल्लाह तआला का फरमान है : उनके Jadu से उसे ऐसा महसुस होता था कि गोया वह रस्सियाँ और लाठियाँ दौड़ रहीं हैं।

किताब व सुन्नत से उसकी ताशीर भी शबीत है। 

Jadu haram hai, kabira gunah  और एक अज़ीम जरम है। 

उसकी दलील नबी सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की यह हदीस है : सात हिलाक कर देने वाले गुनाहों से बचो। सहाबा ने अर्ज़ किया : ऐ अल्लाह के रसुल ! यह हिलाक कर देने वाले गुनाह कौन- कौन से हैं ?

आप सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया : अल्लाह के साथ Shirk karna ,Jadu karna 

और यह फरमान इलाही : बिला शबह हम फ़ितनह हैं, और इस लिए तुम Kufr न करो।

अलबत्ता यह रिवायत : Jadu सीखो लेकिन उस पर अमल न करो। 

इस तरह की दीगर अहादीस सही नहीं बल्कि नबी सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम से गलत तौर पर मंसुब कर दी गयी हैं।


Najumiyo aur kahino ke pass jane ka kya hukm hai 

Najumiyo aur kahino ke पास जाना जाएज़ नहीं और जो शख्स उनसे फायेदे का तलब होकर उनके पास गया लेकिन उनकी बात की तस्दीक नहीं की तो चालीस दिन तक उसकी नमाज़ कुबुल न होगी क्यूंकी नबी सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का इरशाद है : जो किसी Najumi के पास आया और उससे किसी चीज़ के बारे मे सवाल किया तो चालीस रात तक उसकी नमाज़ कुबुल नहीं होगी।

और जो शख्स उन के पास गया और उनके इल्म गैब के दावे की तस्दीक की तो उसने नबी करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम पर नाज़िल शदह शरीयत के साथ कुफ़र किया क्यूंकी आप सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का इरशाद है : जो किसी Najumi या kahin के पास आया और उसकी बात की तस्दीक की तो उसने मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम पर नाज़िल शदह शरीयत के साथKufr किया।


शितारों से बारिश तलब करना शिर्क अकबर होता है और कब शिर्क असगर है ?

जिसका यह ऐतकाद हो कि अल्लाह तआला की मशीयत के बेगैर शितारे अशर अंदाज़ होते हैं, फिर उसने बारिश को शितारों की तरफ मंसुब किया कि इसी ने बारिश पैदा की और उतारी है तो यह shirk akabar है।

और जो यह ऐतक़ाद रखे कि अल्लाह की मशीयत से शितारे अशर अंदाज़ होते हैं और अल्लाह ने उस शितारे को नजुले बारिश का सबब बनाया है और अल्लाह ने यह निज़ाम रखा है कि फलां शितारे के जहुर के वक़्त बारिश होगी तो यह हराम और शिर्क असगर है क्यूंकी उसने किसी शरई या हसी दलील या वाकेयात और अक़ल सही की दलील के बेगैर शितारे को बारिश का सबब करार दिया है, अलबत्ता साल के मुखतलिफ़ औकात और मौसमों पर असतरलाल और बारिश के नजुल के वक़्त की जुस्तजु करना जायज़ है।


Gunah ki kitni kisme hain in hindi

Gunah की दो Kisme हैं :

Kabira  ( बड़े ) Gunah: 

Kabira Gunah वह गुनाह है जिस पर दुनियाँ मे कोई हद हो या आखिरत मे उस पर कोई वईद वारिद हो या उस पर गजब,लानत और ईमान के जाते रहने की वईद वारिद हो।

Sagira ( छोटे ) Gunah :

Sagura Gunahजो कबीरह Gunah के इलावह हैं।


क्या कुछ ऐसे असबाब भी पाये जाते हैं जो Sagira Gunah को Kabira Gunah बना देते हैं?

जी हाँ ! ऐसे बहुत से असबाब हैं जिन में अहम तरीन असबाब यह हैं : Sagira Gunah पर मिस्र रहना या बार – बार उसका अरतकाब करना या उन्हें मामुली समझना या उनका अरतकाब कर के फखर महसुस करना या खुल्लम खुल्ला उनका अरतकाब करना।


Tauba ka kya hukm hai ,tauba kab qabul hoti hai ?

Tauba फौरन वाजिब है। 

Gunah मे पड़ जाना बीजात खुद कोई मुश्किल उमर नहीं है बल्कि यह तो इंसान की फितरत मे दाखिल है।

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का इरशाद है : हर इंसान खताकार है और सबसे अच्छे खताकार वह लोग हैं जो गलती के बाद फौरनtauba करने वाले हैं।

नेज इरशाद है : अगर तुम Gubah नहीं करोगे तो अल्लाह तआला तुम्हें खत्म कर देगा और तुम्हारी जगह ऐसे लोग ले आएगा जो Gunah करेंगे और अल्लाह से istegafar करेंगे और अल्लाह उनकी मगफिरत फरमाएगा।

लेकिन गलती यह है कि Gunah पर मिस्र रहे और taubaमे ताखीर से काम ले, 

अल्लाह तआला का इरशाद है : अल्लाह तआला सिर्फ उन्हीं लोगों की tauba qabul फरमाता है जो बोजह नादानी कोई बुराई करेंगे, फिर जल्द ही उससे बाज़ आ जाएँ औरtauba कर लें तो अल्लाह भी उनकी tauba qabul फरमा लेता है।


Tauba qabul hone ki shart

1 Gunah से फौरन बाज़ आना

2 आइंदा उन गुनाहों का अरतकाब न करने का अज़्म मुसमम । 

और अगर Gunah का तअल्लुक मख़लुक़ के हकुक से हो तो हक़ उन्हें लौटाना ज़रूरी है।

 

JM Islamic Official


Post a Comment

0 Comments