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How to give Ghusl to a dead body in urdu | Mayyat ko ghusal dene ka tarika

 Mayyat ko ghusal dene ka tarika in urdu

Mayyat ko ghusal dene ka tarika in urdu


दोस्तों आज की इस
Islamic post में हम जानने वाले हैं कि अगर हमारे यहाँ किसी कि Mayyat हो जाए तो Mayyat ko ghusal dene ka tarika क्या है इस पोस्ट में मैं आपको Mayyat ko ghusal dene ka tarika क्या है in urdu में मैं आपको बताने वाला हूँ, तो दोस्तों आप हमारे साथ इस पोस्ट में बने रहें आज आप Mayyat ko ghusal dene के बारे में पूरी तरह से जान जाएंगे ।


Mayyat ko ghusal dene ka tarika

Mayyat ko ghusal dene ka urdu मे tarika यह है कि जब Mayyat के कफन का सारा समान इकट्ठा हो जाए तो और आप Mayyat ko ghusal dene की सोचो तो आपको चाहिए की किसी तख्त को लोबान या अगरबत्ती से या और किसी खुशबूदार चीज़ से धोनी दे दे, तीन दफा पाँच दफा या साथ दफा तख्त के चारों तरफ धोनी दे कर Mayyat को ghusal dene ke liye उस तख्त पर लिटा दो और कपड़े उतार लो और कोई दूसरा कपड़ा Mayyat के नाफ़ से लेकर उसके जानों तक डाल दो कि उतना बदन छुपा रहे ।

Mayyat ko ghusal dene ka tarika यह है कि Mayyat को सबसे पहले इस्तिंजा करा दो लेकिन उसके रानों और इस्तेंजो की जगह अपना हाथ मत लगाओ, और उस पर निगाह भी न डालो, बल्कि अपने हाथ में कोई कपड़ा लपेट लो, और जो कपड़ा नाफ़ से लेकर जानो तक पड़ा है उसके अंदर तक धोलाओ फिर उसको वज़ू करा दो, लेकिन न कुल्ली कराओ और न ही नाक में पानी डालो, बल्कि पहले मुंह धुलाओ फिर हाथ केहुनी समेत, फिर सर का मसा फिर दोनों पैर,

अगर तीन दफा रुई को तर करके दांतों और मसूड़ों पर फेर दी जाए और नाक के दोनों सूराखों में फेर दी जाए तो भी जायज़ है अगर Mayyat नापाक की हालत में या हैज़ व निफास में मर जाए तो इसी तरह से मुंह और नाक में पानी पहुंचाना ज़रूरी है और नाक, मुंह और कानों में रुई भर दो ताकि Mayyat ko ghusal dene वज़ू कराते वक़्त और नहलाते वक़्त पानी न जाने पाये जब वज़ू करा चुको तो गिलो खैरो या किसी चीज़ से जिसे साफ हो जाए या बेसन या साबुन मल कर धोये और साफ करके मुर्दे को फिर बाएँ करवट पर लिटाकर बैरी के पत्ते डालकर पकाया हुआ नीम गरम पानी तीन दफा सर से पैर तक डाले यहाँ तक कि बाएँ करवट तक पहुँच जाए उसके बाद मुर्दे को अपने बदन की टेक लगाकर ज़रा बिठलाए और उसके पेट को आहिस्ता – आहिस्ता मले और दबाये अगर पाखाना निकले तो उसको साफ करके धो डाले और वज़ू और ghusal में उसके निकलने से कुछ नुकसान नहीं अब न दोहराओ, उसके बाद उसको बाएँ करवट पर लिटाइए काफोर पड़ा हुआ पानी सर से पैर तक तीन दफा डाले फिर सारा बदन किसी कपड़े से साफ करके कफ़ना दे ।

तो दोस्तों यह है Mayyat ko ghusal dene का तरीका आप किसी मुसलमान Mayyat को इसी तरीके से ghusal दे सकते हैं, और आप खुद Mayyat को नहला सकते हैं ।

उम्मीद करता हूँ कि आपको Mayyat ko ghusal dene के तरीके को समझ में आ गया होगा, दोस्तों अगर आपको कोई चीज़ समझ में न आया हो तो आप हमसे comment box में comment

करके ज़रूर पूछें ।


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Mayyat ko ghusal dena wajib hai

Mayyat ko ghusal dena wajib hai


दोस्तों जैसा कि आपको ऊपर बताया गया है कि Mayyat ko ghusal dene ka tarika kya है, और आप Mayyat ko ghusal kaise दे सकते हैं, अब हम जानेंगे कि Mayyat ko ghusal dena kab wajib hai तो अगर कोई शख्स दरिया में या किस नदी, में डूब कर मर गया हो तो वह जिस वक़्त दरिया या नदी से निकाला जाएगा उसको तब ghusal dena wajib hai, और अगर किसी आदमी का सिर्फ सर कहीं देखा जाए तो उसको ghusal न दिया जाएगा बल्कि यूंही दफन कर दिया जाएगा । और अगर किसी आदमी का बदन नसफ़ से ज़्यादा कहीं मिले तो उसको ghusal dena ज़रूरी है चाहे वह सर के साथ मिले या बे सर के नसफ से ज़्यादा न हो बल्कि नसफ हो तो अगर सर के साथ मिले तो ghusal दिया जाएगा वरना नहीं और अगर नसफ से कम हो तो ghusal न दिया जाएगा, चाहे सर के साथ हो या बे सर के ।

बागी लोग या डाकू अगर मारे जाएँ तो उनके मूर्दों को ghusal न दिया जाएगा लेकिन शर्त यह है कि ऐन लड़ाई के वक़्त मारे गए हों । अगर पानी न होने के सबब से किसी Mayyat को तैमुम कराया गया और फिर पानी मिल जाए तो उस Mayyat ko ghusal dena chahiye और ghusal dena wajib है ।


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बहुत ज़रूरी बातें - Mayyat ko ghusal dene ka tarika in urdu

दोस्तों Mayyat ko ghusal देते समय हमें कुछ ज़रूरी बातों का ख्याल करना है, Mayyat ko ghusal dete समय Mayyat के बालों में कंघी न करें, और न ही नाखून काटें, और न ही Mayyat के बालों को काटो सब कुछ उसी तरह रहने दो ।

अगर कोई मर्द मर गया और मर्दों में से कोई नहलाने और Mayyat ko ghusal dene वाला नहीं है तो जो औरत उसकी महरम है वही नहला और Mayyat ko ghusal दे सकती है, गैर महरम को हाथ लगाना दुरुस्त नहीं है, अगर कोई महरम औरत न हो तो Mayyat को तैमुम करा दो, लेकिन Mayyat के बदन पर हाथ मत लगाओ, बल्कि अपने हाथ में पहले दस्ताने पहन लो फिर तैमुम कराओ ।

अगर किसी का खाविंद मर गया तो उसकी बीवी को चाहिए कि उसे नहलाए और Mayyat ko ghusal de यह सब उसकी बीवी कर सकती है और यह दुरुस्त है । और अगर बीवी मर जाए तो खाविंद को बदन को छुना और हाथ लगाना दुरुस्त नहीं अलबत्ता देखना दुरुस्त है और कपड़े के ऊपर से हाथ लगाना दुरुस्त है ।

जो औरत हैज़ या निफ़ास से हो वह Mayyat ko ghusal न दे यह मकरूह और मना है, बेहतर यह है कि जिस औरत का रिश्ता ज़्यादा करीब हो वह Mayyat ko ghusal दे और अगर वह न ghusal दे सके तो कोई और दीनदार औरत Mayyat ko ghusal दे ।


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तो दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको सारे मसले समझ में आ गया होगा, अगर आपको कहीं कुछ समझने में कोई परेशानी हो तो हमें comment ज़रूर करें मैं उसके बारे में आपको ज़रूर बताऊंगा ।

दोस्तों यह पोस्ट कैसी लगी हमें ज़रूर बताएं ।

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शूकरिया

 

 

Posted By - JM Islamic Official

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