Kafara meaning in Islam
Roza ka kaffara kya hai
तो
दोस्तों अब हम जानते हैं कि Roza ka
kaffara kya hai और Roza ka kaffara को कैसे पूरा करें, और अगर किसी शख्स का एक रोज़ा छूट जाए तो कितना kaffara है उसको उस रोज़े के बदले कितना रोज़ा रखना पड़ेगा, तो अगर आप रमज़ान शरीफ का रोज़ा रखे हुये हैं और आपने रोज़ा को तोड़ दिया तो
उसका कफ़ारा यह है कि दो महीने तक लगातार रोज़ा रखे, और अगर यह
चाहे कि मैं थोड़ी – थोड़ी रोज़े रख लूँगा तो यह दुरुस्त नहीं है आपको लगातार दो
महीने रोज़ा रखना पड़ेगा, और अगर किसी वजह से बीच में दो एक
रोज़े नहीं रखे तो फिर से दो महीने के रोज़े रखे, यानि आपको
बीच में छोड़ना नहीं है आपको लगातार रोज़े रखना है। हाँ जीतने रोज़े औरत की हैज की
वजह से छूट गए वह माफ हैं, उनके छूट जाने से कफ़ारा में कुछ
नुकशान नहीं आया लेकिन पाक साफ होने के फौरन बाद फिर रोज़े रखना शुरू करे और साथ
रोज़े पूरे करे । अगर किसी औरत के निफ़ास की वजह से बीच में रोज़े छूट गए पूरे रोज़े
लगातार नहीं रख सकी तो भी कफ़ारा सही नहीं हुआ । सब रोज़े फिर से रखे । और अगर किसी
के दुख या बीमारी की वजह से बीच में Kafara के
कुछ रोज़े छूट गए तब भी जब वह ठीक हो जाए या तंदरुस्त होने के बाद फिर से रोज़े रखना
शुरू करे ।
Roza ki qaza
और
अगर रोज़ा छोड़ने वाला शख्स अपना कफ़ारा अदा करने को किसी और से कह दे तुम मेरी तरफ
से कफ़ारा अदा कर दो और वह ठीक उसी तरह जैसे ऊपर आपने पढ़ा है अदा कर दिया तो उसका kafara अदा हो गया
ऐसा भी करना जायज़ है, और अगर एक ही
मिसकीन को साठ दिन तक खाना खिलाया या साठ दिन तक कच्चा अनाज या साठ दिन तक उसकी
कीमत दे दिया तो यह भी हुक्म है उसका kafara अदा हो
गया । और अगर साठ दिन तक लगातार खाना नहीं खिलाया बल्कि बीच में कुछ दिन छूट गए तो
कुछ हर्ज़ नहीं यह दुरुस्त है । और अगर किसी फकीर को सदक़ा फ़ितरा की मिक़दार से कम
दिया तो kafara सही नहीं हुआ, जितना
देने का हुक्म है उतना ही दे, अगर एक ही रमज़ान के महीने के
दो या तीन रोज़े तोड़ डाले तो एक एक ही Kafara वाजिब है अलबत्ता अगर यह दोनों रोज़े एक रमज़ान के महीने के न हों तो अलग – अलग Kafara
देना पड़ेगा ।
उम्मीद
करता हूँ कि आपको Kafara meaning in Islam के बारे में समझ में आ
गया होगा, अगर आपको इस पोस्ट में कोई मसला समझ में न
आए तो आप कॉमेंट ज़रूर करें ।
JM Islamic Official
1 Comments
Good
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